
वक्त और हालात संवेदनाओं और भावनाओं को शब्दों में ढालना सीखा रहे.. सीखता जा रहा हूं लिखता जा रहा हूं..
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भारत भारती और संस्कार
"अ जी सुनती हो ठकुरानी! कहां हो?? ज़रा फ्रिज से ठंडा पानी लेती आओ, बड़ी प्यास लगी है और सुनों अपनी भारती के लिए रिश्ता आया है। लड़का प...
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"अ जी सुनती हो ठकुरानी! कहां हो?? ज़रा फ्रिज से ठंडा पानी लेती आओ, बड़ी प्यास लगी है और सुनों अपनी भारती के लिए रिश्ता आया है। लड़का प...
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साथी, दोस्त, यार, मित्र, मित, सखा चाहे जिस भी नाम से कह लो, साथी, जीवन का वो अभिन्न किरदार जो कभी कभी हमारा किरदार निर्धारित कर जाता है। सा...
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"बहुत तेज़ भूख लगी है मां कुछ खाने को दो न, मां झ्ट से कुछ भी लाकर खिला दे" और मां कुछ न कुछ ले ही आती खिलाने को । कितना अच्छा था ...
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