वक्त और हालात संवेदनाओं और भावनाओं को शब्दों में ढालना सीखा रहे.. सीखता जा रहा हूं लिखता जा रहा हूं..
Wednesday, June 17, 2020
Wednesday, June 3, 2020
तुम चुप क्यों हो??
तुम चुप क्यों हो
तुम चुप क्यों हो ??
तुम्हारा नित होता चिर हरण है ..
तुम्हे नोचते राक्षसगण हैं..
तुम पर होते नित अत्याचारों पर..
तुम पर होते इन दुराचारों पर..
तुम चुप क्यों हो??
सुनों..
घूरती निगाहों से जब उसने तुमको देखा होगा..
जब उसने तुमको छुआ होगा ..
तुम्हारे मन में भी तो प्रतिशोध की भावना जागी होगी..
तुम्हारे मन में आत्मसम्मान की भावना भी तो आई होगी..
आई थी न??
फिर भी ..
फिर भी तुम चुप क्यों हो??
क्या बस इसलिए कि तुम उसके आश्रय पर आश्रित हो..??
क्या बस इसलिए कि तुम उसके नाम से जानी जाती हो..??
क्या बस इसलिए कि तुम उसकी ब्याहता हो..??
क्या बस इसलिए कि तुम उसके बच्चों की माता हो..??
नहीं न??
फिर भी तुम चुप क्यों हो??
इनसब बातो को सोच तुम ना चुप हो जाओ
नारी -शक्ति क्या होती अब इनको ये बतलाओ
सतयुग के रावण का दहन इन्हें अब याद दिलाओ
कलयुग के रावण का दहन करके अब तुम दिखलाओ
क्योंकि आज जो तुम चुप रह जाओगी
अपनी ही बहन -बेटियों संग नाइंसाफी कर जाओगी
तो चलो बढ़ो आगे ..हे नारी !!
इनका सर्वनाश करो
तुममे बसती हज़ार शक्ति है
तू ही दुर्गा तू ही काली तू ही आदिशक्ति हैं !!
!!!!
© अंकित ©
भारत भारती और संस्कार
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